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28 Feb 2023

पर्यावरण और ऊर्जा संसाधन

प्रश्न- ऊर्जा स्त्रोतों को कितने वर्गों में बांटा जा सकता है?
उत्तर- दो वर्गों में। क) परम्परागत या गैर नवीनीकृत संसाधन तथा ख) गैर—परम्परागत या नवीनीकृत संसाधन।
प्रश्न- ऊर्जा के पारम्परिक स्त्रोत कौन—कौन से हैं?
उत्तर- कोयला, तेल, प्राकृतिक गैस आदि ऊर्जा के पारम्परिक स्त्रोत हैं। ये सभी ऊर्जा के गैर—नवीनीकृत स्त्रोत कहलाते हैं, क्योंकि ये समाप्त हो जायेंगे।
प्रश्न- ऊर्जा के गैर परम्परिक स्त्रोत कौन—कौन से हैं?
उत्तर- सूर्य, हवा, तरंगे, ज्वार और भूतापीय उष्मा ऊर्जा के गैर पारम्परिक स्त्रोत हैं। ये स्त्रोत समाप्त नहीं होते, इसलिए इन्हें अक्षय ऊर्जा स्त्रोत या नवीनीकृत स्त्रोत (त्मदमूंइसम त्मेवनबमे) कहा जाता है।
प्रश्न- घरों में ऊर्जा आपूर्ति का सरलतम व प्रदूषण रहित    साधन क्या है?
उत्तर- सौर ऊर्जा।
प्रश्न- सबसे बड़े ऊर्जा स्त्रोत का नाम बताएं?
उत्तर- सौर विकिरण। यह दूसरे स्त्रोतों के कुल योग से भी 5000 अवयव अधिक है।
प्रश्न- पृथ्वी पर पहुंचने वाली सौर ऊर्जा का कितने प्रतिशत अंतरिक्ष में वापिस परावर्तित हो जाता है?
उत्तर- लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा।
प्रश्न- दुनिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा केन्द्र कहां है?
उत्तर- कैलिफोर्निया (अमेरिका) के मोजाव मरूस्थल में।
प्रश्न- कैलिफोर्निया सौर ऊर्जा केन्द्र में कितनी बिजली पैदा होती है?
उत्तर- यहां 1800 सौर प्लेटों की सहायता से 10 मेगावाट बिजली पैदा की जाती है।
प्रश्न- सौर विकिरण किसे कहते हैं?
उत्तर- सूर्य द्वारा अंतरिक्ष में ऊष्मा का विकिरण सौर विकिरण कहलाता है।
प्रश्न- सौर ऊर्जा के प्रमुख लाभ क्या हैं?
उत्तर- इससे कोई प्रदूषण नहीं होता। यह कभी समाप्त नहीं होती। सौर ऊर्जा के रूपांतरण से कोई विषले उत्पाद नहीं बनते। लगातार बिना खर्च ऊर्जा मिलती रहती है।
प्रश्न- एक टैनिस कोर्ट पर पड़ने वाली सूर्य किरणों से कितनी ऊर्जा मिल सकती है?
उत्तर- एक टैनिस कोर्ट पर पड़ने वाली सूर्य किरणों से उतनी ही ऊर्जा मिल सकती है जितनी 135 लीटर पैट्रोल या 180 किलोग्राम कोयले से मिलती है।
प्रश्न- सौर ऊर्जा को कितने प्रकार से प्रयोग में लाया जा सकता है?
उत्तर- सौर ऊर्जा को तीन प्रकार से प्रयोग में लाया जा सकता है— 1) सूर्य किरणों से प्राप्त उष्मा, 2) सौर ऊर्जा को विघुत ऊर्जा में बदलकर तथा 3) प्रकाश संश्लेषण और जैव प्रक्रियाओं का प्रयोग करके।
प्रश्न- भारत में सबसे बड़ा सौर ऊर्जा केन्द्र कहां हैं?
उत्तर- भुज (गुजरात) में।
प्रश्न- ऊर्जा का कौन—सा स्त्रोत है जो कभी प्रदूषण नहीं फ्Qैलाता?
उत्तर- सौर ऊर्जा।
प्रश्न- अपरम्परागत ऊर्जा स्त्रोत विभाग की स्थापना कब की गयी?
उत्तर- 1982 ई0 में।
प्रश्न- भारत में प्रतिवर्ष गोबर से बने कितने टन उपलों का  ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है?
उत्तर- देशभर में सालाना 5,000,000 टन उपलों का ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न- भारत में वर्तमान तेल खपत कितनी है?
उत्तर- लगभग 56 मिलियन टन वार्षिक।
प्रश्न- बायो डीजल किस पेड़ से तैयार किया जाता है?
उत्तर- मुख्यतः रतनजोत (जट्रोफा) से।
प्रश्न- एक किलो यूरेनियम के विखंडन से कितनी ऊर्जा उत्पन्न होती है?
उत्तर- एक किलोग्राम यूरेनियम से उतनी ही ऊर्जा मिलती है जितनी 3400 टन कोयले से मिलती है।
प्रश्न- हमारे देश में पवन ऊर्जा का प्रयोग किस कार्य के लिए होता रहा है?
उत्तर- हमारे देश में पवन चक्की चलाने के लिए पवन ऊर्जा का प्रयोग पहले से ही होता रहा है।
प्रश्न- पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए वायु का कितना वेग आवश्यक है?
उत्तर- न्यूनतम वायु वेग 16 किलोमीटर प्रति घंटा होना आवश्यक है।
प्रश्न- जल का ऊर्जा के रूप में परम्परागत उपयोग बताएं।
उत्तर- हमारे देश में जल का ऊर्जा के रूप में उपयोग घराट चलाने तथा जल चक्की चलाने के लिए किया जाता रहा है।
प्रश्न- ऊर्जा की मांग तेजी से क्यों बढ़ रही है?
उत्तर- ऊर्जा की मांग बढ़ने के प्रमुख कारण निम्न हैं—
जनसंख्या में तेजी से वृद्धि, औघोगिकरण, शहरीकरण, बढ़ता यातायात, कृषि का मशीनीकरण आदि।
प्रश्न- सर्वाधिक ऊर्जा खपत विश्व के किस देश में होती है?
उत्तर- संयुक्त राज्य अमेरिका में। यह विश्व ऊर्जा खपत की 33 प्रतिशत है।
प्रश्न- भारत में विश्व ऊर्जा की कितनी खपत होती है?
उत्तर- भारत में विश्व ऊर्जा की मात्र 1.5 प्रतिशत खपत हो रही है।
प्रश्न- भारत में 1950 ई0 में कितना ऊर्जा उत्पादन था?
उत्तर- सन् 1950 में भारत का कुल ऊर्जा उत्पादन 1713 मैगावाट था।
प्रश्न- भारत का मौजूदा ऊर्जा उत्पादन कितना है?
उत्तर- वर्ष 2003—04 तक भारत का कुल ऊर्जा उत्पादन 107972 मैगावाट तक पहुंच गया था।
प्रश्न- भारत में पवन ऊर्जा उत्पन्न करने वाला सबसे बड़ा प्रतिष्ठान कहां है?
उत्तर- माण्डवी (गुजरात) में है।
प्रश्न- भारत में पहला बायोगैस संयत्र कहां लगाया गया और कब?
उत्तर- सन् 1939 ई0 में दिल्ली में।
प्रश्न- बायो गैस प्लांट से हमें कौन—सी गैस ऊर्जा के रूप में प्राप्त हो रही है?
उत्तर- मीथेन गैस।
प्रश्न- विश्व के किस देश में सर्वाधिक बायो गैस के प्लांट हैं?
उत्तर- चीन में।
प्रश्न- देश के कुल गोबर का कितना हिस्सा ईंधन के रूप में प्रयोग होता है?
उत्तर- नेशनल कांउसिल ऑफ अप्लाइड इकोनोमिक रिसर्च के अनुसार  देश के कुल गोबर का 40 प्रतिशत कंडों (उपलों) के रूप में जलाया जाता है।
प्रश्न- राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर- 14 दिसम्बर।
प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय ऊर्जा—दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर- 3 मई को।
प्रश्न- ऊर्जा आयोग की स्थापना कब हुई?
उत्तर- 12 मार्च 1981 को।
प्रश्न- किस देश में जल विद्युत् ही विद्युत् ऊर्जा का एकमात्र स्त्रोत है?
उत्तर- स्विट्जरलैंड |
प्रश्न- श्वेत कोयला के नाम से किसे जाना जाता है?
उत्तर- जल विद्युत् को|
प्रश्न- विश्व में पवन ऊर्जा उत्पादक देशों में भारत का स्थान कौन-सा है?
उत्तर- पांचवां|
प्रश्न- विश्व में पवन ऊर्जा का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन सा है?
उत्तर- संयुक्त राज्य अमेरिका|
प्रश्न- विश्व का सबसे बड़ा युरेनियम उत्पादक देश कौन-सा है?
उत्तर- कनाडा|

पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए खतरा - धूम्रपान

प्रश्न- तम्बाकू में कितने यौगिक पाये जाते हैं? इनमें से कितने खतरनाक ज़हर हैं?
उत्तर- तम्बाकू में लगभग 800 यौगिक पाये जाते हैं जिसमें से 33 प्रकार के यौगिक अत्यन्त जहरीले हैं।
प्रश्न- तम्बाकू में पाये जाने वाले अत्यन्त जहरीले यौगिक कौन—कौन से हैं?
उत्तर- निकोटीन, फिराडीन बेसेस, एकरोलीन, कोलीडीन, प्रूसिक एसिड, अमोनिया, पाईरीन, फुरफुरल, राजोलीन, कार्बोलिक एसिड, पोलिनियम, रेडियम, कार्बन मोनोऑक्साइड, संखिया आदि अत्यन्त जहरीले यौगिक तम्बाकू में पाये जाते हैं।
प्रश्न- एक किलोग्राम तम्बाकू में कितना निकोटिन पाया जाता है?
उत्तर- एक किलो तम्बाकू में 800 से 1000 ग्रेन के लगभग निकोटिन पाया जाता है जो कि खतरनाक विष है।
प्रश्न- कितने शुद्ध निकोटिन से व्यक्ति की मौत हो सकती है?
उत्तर- मात्र डेढ़ ग्रेन शुद्ध निकोटिन व्यक्ति की जान ले सकता है।
प्रश्न- एक सिगरेट में कितना निकोटिन होता है?
उत्तर- एक सिगरेट में आमतौर पर एक ग्रेन तम्बाकू होता है जिसमेंं ढाई से चार मिलीग्राम निकोटिन पायी जाती है।
प्रश्न- तम्बाकू के सेवन से होने वाली व्याधियों के नाम बताएं?
उत्तर- तम्बाकू के प्रयोग से अस्थियां व अस्थि रज्जु कमजोर हो जाते हैं, फेफड़े क्षतिग्रस्त हो जाते हैं तथा खांसी व टी.बी. हो जाती है,  मुंह व फेफड़ों का कैंसर हो जाता है, स्मरण शक्ति का ह्रास, अनिन्द्रा तथा बेचैनी जैसी समस्या भी हो जाती है। तम्बाकू से ट्टटोबैको एमाब्लियोपिया’ नामक रोग भी हो सकता है जिससे आँखों की रोशनी जा सकती है।
प्रश्न- भारत में तम्बाकू के प्रयोग से प्रतिदिन कितने लोग मौत का शिकार बनते हैं?
उत्तर- स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 2200 लोग।
प्रश्न- क्या फिल्टरयुक्त सिगरेट पीने से स्वास्थ्य पर कुप्रभाव नहीं होता?
उत्तर- यह गलत धारणा है कि फिल्टरयुक्त सिगरेट पीने से स्वास्थ्य पर कुप्रभाव नहीं होता। फिल्टर केवल तीन—चार कश लेने तक कुछ तत्त्वों को रोक पाता है। मगर बाद में वे भी शरीर में पहुंचने लगते हैं।
प्रश्न- क्या हुक्के का सेवन स्वास्थ्य पर कुप्रभाव नहीं डालता?
उत्तर- हुक्के का सेवन भी स्वास्थ्य के लिए घातक है। क्योंकि हुक्के का पानी भी सभी जहरीले तत्त्वों को रोक नहीं सकता। हालांकि इसमें कुछ मात्रा में जहरीले तत्त्व अवश्य घुल जाते हैं।
प्रश्न- क्या सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान करने की अनुमति है?
उत्तर- नहीं। सार्वजनिक स्थानों व सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में धुम्रपान करना दण्डनीय अपराध है।
प्रश्न- क्या तम्बाखू व गुटखा का विज्ञापन किया जा सकता है?
उत्तर- नहीं। तम्बाखू व गुटखे का प्रचार नहीं किया जा सकता क्योंकि दोनों ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हंै।
प्रश्न- तम्बाकू जनित रोगों से कितने लोगों की मौत होती है?
उत्तर- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार तम्बाकू जनित रोगों के कारण विश्व में 40 लाख लोग सालाना अकाल मृत्यु के शिकार हो जाते हैं अर्थात 11 हजार व्यक्ति प्रतिदिन काल का ग्रास बनते हैं।
प्रश्न- भारत में तम्बाकू जनित रोगों से कितने लोगों की हर वर्ष मौत हो जाती है?
उत्तर- दुनियाभर में सालाना मरने वाले 40 लाख लोगों में से 20 प्रतिशत भारतीय होते हैं जबकि हमारी आबादी विश्व का 16 प्रतिशत ही है।
प्रश्न- वैश्विक धुम्रपान निषेध—सन्धि कब लागू हुयी?
उत्तर- 28 फरवरी, 2005 से।
प्रश्न- तम्बाकू निषेध दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर- 31 मई को।
प्रश्न- भारत में कितने प्रतिशत लोगों को तम्बाकू से कैंसर होता है?
उत्तर- विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पुरूषों में होने वाले 50 प्रतिशत कैंसर तथा महिलाओं में होने वाले 25 प्रतिशत कैंसर गुटखा के पाउच के रूप में प्रचलित तम्बाकू सेवन से होते हैं। 

पर्यावरण के दुश्मन - प्लास्टिक एवं पोलीथिन

प्रश्न- प्लास्टिक उत्पादन के दौरान निकलने वाली जहरीली गैसों के नाम बताएं।
उत्तर- प्लास्टिक उत्पादन के दौरान इथीलिन ऑक्साइड, बेंजीन और जाइलिन आदि खतरनाक गैसें निकलती हैं। इसे जलाने पर डायॉक्सिन भी निकलती है जो बहुत विष्ौली होती है और कैंसर पैदा करती हैं।
प्रश्न- क्या प्लास्टिक से बने खिलौने बच्चों के लिए उपयुक्त होते हैं?
उत्तर- नहीं। आमतौर पर खिलौने घटिया और रिसाईकल्ड प्लास्टिक से बनाये जाते हैं तथा इनमें घटिया व जहरीले रंगों का प्रयोग किया जाता है। इसलिए ये स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक व जानलेवा होते हैं।
प्रश्न- क्या लोहे और लकड़ी के बने खिलौने भी बच्चों के लिए नुकसानदायक नहीं होते?
उत्तर- लोहे और लकड़ी से बने खिलौने भी बच्चों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हैं। क्योंकि उनको सजाने के लिए बेहद घटिया व घातक रंगों का उपयोग किया जाता है न कि विष रहित रंगों का। बच्चे खिलौनों से खेलते समय उन्हें मुंह में ले लेते हैं जिससे जहरीले तत्त्व उनके मुंह में चले जाते हैं।
प्रश्न- वातावरण को शीशा व प्लास्टिक में से कौन अधिक प्रदूषित करता है?
उत्तर- प्लास्टिक। शीशे की एक बोतल के निर्माण के दौरान जितने विष्ौले पदार्थ निकलते हैं, उसी आकार की प्लास्टिक की बोतल के निर्माण में शीशे से 100 गुणा अधिक विष्ौले रसायन निकलते हैं।
प्रश्न- भारत में प्लास्टिक की कितनी खपत हो रही है?
उत्तर- भारत में इस समय 14 लाख टन से भी अधिक प्लास्टिक की खपत सालाना हो रही है।
प्रश्न- क्या प्लास्टिक व पोलिथीन में खाघ पदार्थ डालना सुरक्षित है?
उत्तर- नहीं। प्लास्टिक की अनेक किस्में ऐसी हैं जिनमें खाघ पदार्थों की पैकिंग सुरक्षित नहीं है। खासकर पॉलिस्टाइरीन, पी.वी.सी. और पॉलिक्राइलोनाइट्रिल काफी खतरनाक साबित हुये हैं।
प्रश्न- पी.वी.सी. को जलाने पर कौन—से जहरीले रसायन बनते हैं?
उत्तर- पी.वी.सी. को जलाने से डायॉक्सिन, फ्यूरॉन्स, हैक्सा क्लोरोबेंजीन आदि जहरीले रसायन बनते हैं जिनसे मनुष्यों में बुद्धिहीनता, जन्मजात विकार, बांझपन, नंपुसकता और कैंसर होने का खतरा रहता है।
प्रश्न- क्या पॉलिथीन का प्रयोग करना उचित है?
उत्तर- नहीं। पॉलिथीन से भूमि, जल और वायु तीनों प्रदूषित हो रहे हैं, इसलिए हमें पॉलिथीन थ्ौलियों के बजाय कपड़े व जूट के थैलों व कागज़ के लिफाफों का प्रयोग करना चाहिए।
प्रश्न- पॉलिथीन की थैलियों कृषकों व पशुपालकों के लिए कैसे हानिकारक है?
उत्तर- पॉलिथीन की फेंकी गयी थैलियों को अक्सर पशु खा जाते हैं, जो अन्दर जाकर पशुओं की आंतों में फंस जाती है और पशु की मौत हो जाती है। इसी प्रकार जब फैंके गये पॉलिथीन उड़कर खेतों में पहुंच जाते हैं तो फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। क्योंकि पॉलिथीन बीज के ऊपर गिर जाये तो उसे अंकुरित नहीं होने देती और बीज के नीचे आ जायें तो पौधे की जड़ें ज़मीन में नहीं जाने देती। इस प्रकार ये किसान व पशुपालकों के दुश्मन हैं।
प्रश्न- क्या हरियाणा में पॉलिथीन की थैलियों का उपयोग किया जा सकता है?
उत्तर- नहीं। हरियाणा में सरकार ने नॉन—बायोडिग्रेडेबेल (कन्ट्रोल) एक्ट बनाकर रिसाईकल्ड व रंगीन प्लास्टिक से बने थैले व थैलियों का संग्रह करने, उनकी बिक्री करने, उनमें खाघ वस्तुएं रखने तथा लाने—ले जाने व फैंकने पर पाबन्दी लगा रखी है। मगर अवैध रूप से इनका प्रयोग हो रहा है।

पर्यावरण के संरक्षक - वन

प्रश्न- भारत में किस वन क्षेत्र को सबसे पहले नियन्त्रित और सुरक्षित घोषित किया गया था और क्यों?
उत्तर- मालाबार। ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने सन् 1803 ई0 में मालाबार के जंगलों को सुरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया था क्योंकि इनमें सागौन की लकड़ी मिलती थी जो जहाज निर्माण के काम आती थी।
प्रश्न- लकड़ी की सर्वाधिक खपत किस उघोग में होती है?
उत्तर- कागज़ और लुगदी उघोग में लकड़ी की सबसे ज्यादा खपत होती है।
प्रश्न- बंजर भूमि में खेती के लिए कौन—सी प्रजाति उत्तम है?
उत्तर- नीम।
प्रश्न- वृक्ष की आयु जानने का सबसे सरल तरीका कौन—सा है?
उत्तर- वृक्ष के तने में पड़ने वाले वार्षिक वलय (एनुअल रिंग्स) की गिनती करके वृक्ष की उम्र का पता सरलता से लगाया जा सकता है। तने के अंदर काष्ठवत भाग में दिखायी देने वाला प्रत्येक वलय (रिंग) एक वर्ष का सूचक होता है।
प्रश्न- किस भारतीय राजा ने फलदार पेड़ों को काटने पर प्रतिबंध लगाया था?
उत्तर- छत्रपति शिवाजी ने फलदार पेड़ों को काटने पर प्रतिबंध लगाया था, क्योंकि इससे कृषि पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न- किस प्राचीन ग्रंथ में सुरक्षित वन या अभ्यारण्य बनाने के नियम और दंड विधान दिये गये हैं?
उत्तर- आचार्य चाणक्य (कौटिल्य) के प्रसिद्ध ग्रंथ ट्टअर्थशास्त्र’ में जिसकी रचना उन्होंने लगभग 300 ई0पू0 की थी।
प्रश्न- हरे सोने के नाम से प्रसिद्ध वृक्ष का नाम बताएं जो पर्यावरण को प्रदूषित करता है?
उत्तर- सफेदा (यूक्लिप्टस)।
प्रश्न- लम्बे समय तक जीने वाले पेड़ों के नाम बताएं?
उत्तर- बरगद, पीपल, कदम्ब, नारियल आदि।
प्रश्न- एक वृक्ष 50 वर्ष औसत आयु में हमें कितने रूपये का लाभ पहुंचाता है?
उत्तर- कलकत्ता यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर के डॉ0 टी.एम.दास के अनुसार 50 वर्ष में एक वृक्ष 15 लाख रूपये का लाभ देता है जिसमें 2.5 लाख रूपये की ऑक्सीजन, 2.5 लाख की खाद (भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोत्तरी), 5 लाख का प्रदूषण नियन्त्रण, 5 लाख रूपये आर्द्रता रोकने, वर्षा लाने तथा खाघ प्रोटीनों की कीमत के रूप में लाभन्वित करता है।
प्रश्न- हमारी राष्ट्रीय वननीति के अनुसार कितने भू—भाग पर वन होने चाहियें?
उत्तर- 33 प्रतिशत हिस्से पर।
प्रश्न- वन कटाव के प्रमुख दुष्परिणाम बतायें?
उत्तर- 1) वर्षा कम होना, 2) अपरदन या भू—कटाव,
3) कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा में वृद्धि, 4) बाढ़ की पुनरावृत्ति तथा 5) जल चक्र पर प्रभाव आदि।
प्रश्न- पेड़ों के प्रत्यक्ष लाभ बतायें?
उत्तर- पेड़ों से हमें फल, फूल, छाया, औषधियां तथा जलावन व ईमारती लकड़ी मिलती है।
प्रश्न- वनस्पतियों से मनुष्य को क्या लाभ हैं?
उत्तर- वनस्पतियों से हमें भोजन, ईंधन, मकान, वस्त्र तथा अनेक दूसरी उपयोगी चीजें मिलती हैं।
प्रश्न- वन विनाश के प्रमुख कारण बतायें।

पर्यावरण सम्बन्धी संस्थान

प्रश्न- इन्दिरा गांधी अन्तरराष्ट्रीय वन अकादमी कहां है?
उत्तर- देहरादून (उत्तरांचल) में।
प्रश्न- राष्ट्रीय उघान बोर्ड कहां स्थित है?
उत्तर- गुड़गांव (हरियाणा) में।
प्रश्न- भारतीय वानिकी एवं शिक्षा शोध परिषद् कहां स्थित हैं?
उत्तर देहरादून में।
प्रश्न- भारतीय वन प्रबंधन संस्थान कहां स्थित है?
उत्तर- भोपाल में।
प्रश्न- भारत में स्थापित पहला राष्ट्रीय उघान कौन—सा है?
उत्तर- कॉर्बेट राष्ट्रीय उघान।
प्रश्न- भारत में प्रमुख वन्य जीव संरक्षण क्षेत्र कौन—कौन से हैं?
उत्तर- भारत में प्रमुख वन्य जीव संरक्षण क्षेत्र निम्नलिखित हैं —
सुलतानपुरी पक्षी विहार, हरियाणा। अबोहर वन्य जीव विहार, पंजाब जंगली गर्दभ (गधे) विहार, गुजरात। नल सरोवर पक्षी विहार, गुजरात। हजारीबाग़ वन्य जीव विहार, बिहार। घाना पक्षी विहार राजस्थान। जलदपारा वन्य जीव विहार, पश्चिम बंगाल। मुदामलाई वन्य जीव विहार, तमिलनाडू। वेदान्थगल पक्षी विहार, तमिलनाडू।
प्रश्न- भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उघानों के नाम बताएं तथा ये कहां—कहां स्थित हैं?
उत्तर- कोर्बेट (उत्तर प्रदेश), काजीरंगा (असम), बांदीपुर (कर्नाटक), गीर (गुजरात), पेरियार (केरल), दाचीगाम (जम्मू—कश्मीर), कान्हा (मध्यप्रदेश), दूधवा (उ0प्र0), रणथम्बौर (राजस्थान), सरिस्का (राजस्थान)।

पर्यावरण और जैव विविधता

प्रश्न- जैव विविधता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर- जीवधारियों की विभिन्न प्रजातियों तथा उनकी विभिन्नताओं को जैव विविधता कहा जाता है।
प्रश्न- जैव विविधता के कौन—कौन से स्तर है?
उत्तर- जैव विविधता को अध्ययन की दृष्टि से तीन स्तरों में बांटा जा सकता है। 1) आनुवांशिक विविधता। 2) प्रजातीय विविधता।
3) पारितंत्रीय विविधता।
प्रश्न- जैव विविधता ह्रास मुख्यतः किन कारणों से हो रहा है?
उत्तर- वन कटाव, जनसंख्या वृद्धि, जल प्रदूषण, वन्य जीवों का अवैध शिकार तथा मानव एवं वनप्राणी संघर्ष आदि जैव विविधता ह्रास के प्रमुख कारण हैं।
प्रश्न- जैव विविधता का संरक्षण कैसे किया जा सकता है?
उत्तर- संकटग्रस्त प्रजातियों का संग्रहण करके, शिकार पर प्रतिबंध को प्रभावशाली ढंग से लागू करके, सुरक्षित वन क्षेत्र विकसित करके तथा वनों का विनाश रोककर व खनन कार्य पर रोक लगाकर जैव विविधता का संरक्षण किया जा सकता है।
प्रश्न- पृथ्वी के कुल ज्ञात जीवों का कितना हिस्सा भारत में पाया जाता है?
उत्तर- 5 प्रतिशत जीव भारत में पाये जाते हैं जबकि भारत का कुल क्षेत्रफल संसार का 2 प्रतिशत ही है।
प्रश्न- संसार की कुल ज्ञात वनस्पतियां कितनी हैं और उनमें से भारत में कितनी पायी जाती हैं?
उत्तर- कुल ज्ञात वनस्पतियां 2 लाख 50 हजार के करीब है जिनमें से भारत में लगभग 15 हजार वनस्पतियां पायी जाती हैं।
प्रश्न- भारत में पक्षियों की कितनी जातियां पायी जाती हैं?
उत्तर- भारत में पक्षियों की 1200 जातियां तथा 900 उपजातियां पायी जाती है।
प्रश्न- भारत में पशुओं की कितनी प्रजातियां मौजूद हैं?
उत्तर- भारत में लगभग 8100 पशु प्रजातियां पायी जाती हैं।
प्रश्न- भारत में पेड़—पौधों की कुल कितनी प्रजातियां पाई जाती हैं?
उत्तर- अनुमानतः 47 हजार प्रजातियां।
प्रश्न- भारत में जैव विविधता की समृद्धि का क्या कारण है?
उत्तर- भारत की भौगोलिक परिस्थितियां तथा जलवायु में विविधता होने के कारण यहां जैव विविधता समृद्ध है।
प्रश्न- किस पक्षी को इंजीनियर जीव कहा जाता है?
उत्तर- बया को इंजीनियर जीव कहते हैं।
प्रश्न- सबसे जहरीला जन्तु कौन—सा है?
उत्तर- करैत सांप सबसे जहरीला जन्तु है।
प्रश्न- उस प्राणी का नाम बताएं जो एक साथ दो दिशाओं में देख सकता है?
उत्तर- गिरगिट।
प्रश्न- क्या पौधे भी मांसाहारी होते हैं?
उत्तर- हां। बटरवर्ट, घटपर्णी आदि पौधे मांसाहारी होते हैं।
प्रश्न- सर्वाधिक अण्डे देने वाला जीव कौन—सा है?
उत्तर- समुद्री ख़रगोश।

पर्यावरण को प्रभावित करते कीटनाशक

प्रश्न- डी.डी.टी. का आविष्कार किसने किया?
उत्तर- डी.डी.टी. का आविष्कार पाल हरमैन मूलर’ ने किया जिसके लिए उन्हें नोबल पुरस्कार दिया गया।
प्रश्न- डी.डी.टी. का पूरा नाम बताएं।
उत्तर- डी.डी.टी. का पूरा नाम डाइक्लोरो डाइफिनाइल ट्राईक्लोरोईथेन है।
प्रश्न- डी.डी.टी. का सर्वाधिक प्रयोग कब किया गया?
उत्तर- द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद।
प्रश्न- डी.डी.टी. का पक्षियों पर क्या दुष्प्रभाव हुआ?
उत्तर- डी.डी.टी पक्षियों के अण्डों के छिलके पतले करने के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार कारक है। अण्डे के छिलके पतले होने से अक्सर बच्चे पैदा होने से पहले ही नष्ट हो जाते हैं और प्रजनन क्षमता प्रभावित हो जाती है।
प्रश्न- हमारे देश में दुनिया के कितने प्रतिशत कीटनाशकों का प्रयोग होता है?
उत्तर- हमारे देश में विश्व के 2 प्रतिशत कीटनाशक प्रयोग होते हैं। हमारे देश में उन कीटनाशकों का भी प्रयोग धड़ल्ले से होता है जो दुनियाभर में प्रतिबन्धित है।
प्रश्न- हरियाणा में कीटनाशकों की खपत कितनी है?
उत्तर- वर्ष 1999—2000 में प्रदेश में 5000 टन के लगभग कीटनाशकों की खपत थी।
प्रश्न- कीटनाशकों के अधिक प्रयोग का क्या दुष्परिणाम हुआ?
उत्तर- कीटनाशकों के अधिक प्रयोग से वायु, जल तथा भूमि जहरीले हो गये। सभी प्रकार के जीवधारी प्रभावित हुये। पक्षियों की कई प्रजातियां विलुप्त हो गयीं। कीड़ों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गयी। प्रकृति का चक्र प्रभावित हुआ जिसके दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं।
प्रश्न- कीटनाशकों से प्रति वर्ष कितने लोग प्रभावित होते हैं?
उत्तर- विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र शिक्षा कार्यक्रम की रिपोर्ट के अनुसार कीटनाशक ज़हर से प्रतिवर्ष 10 लाख लोग प्रभावित होते हैं।
प्रश्न- जैव कीटनाशक क्या होते हैं?
उत्तर- जैव पदार्थों से बनाये जाने वाले कीटनाशक जैव कीटनाशक कहलाते हैं। जैसे नीम से बनने वाला कीटनाशक।

पर्यावरण विविधा

पर्यावरण विविधा प्रश्नोत्तरी 

प्रश्न- अख़बार में कौन—सा विषैला तत्त्व पाया जाता है?
उत्तर- लेड अर्थात सीसा। अख़बार की स्याही में सीसा होता है।
प्रश्न- दुनिया का सबसे बड़ा मरूस्थल कौन—सा है?
उत्तर- सहारा मरूस्थल।
प्रश्न- पृथ्वी की सबसे बड़ी पर्वतमाला कौन—सी है?
उत्तर- एंडीज पर्वतमाला।
प्रश्न- दुनिया का सबसे ठण्डा स्थान कौन—सा है?
उत्तर- बरर्खोयांस्क (साइबेरिया)।
प्रश्न- विश्व का सबसे गर्म स्थान कौन—सा है?
उत्तर- अजीजिया (लीबिया)।
प्रश्न- विश्व मौसम संगठन का मुख्यालय कहां है?
उत्तर- जेनेवा में।
प्रश्न- खनन से पर्यावरण पर पड़ने वाले कुप्रभावों का वर्णन करें।
उत्तर- वनों का विनाश, भूस्खलन, जैव विविधता का ह्रास तथा वायु एवं शोर प्रदूषण।
प्रश्न- पर्यावरणविद् अधिवक्ता एम. सी. मेहता को उनकी पर्यावरण सेवाओं के लिए कौन—सा अन्तर्राष्ट्रीय अवार्ड मिला?
उत्तर- मैगसैसे अवार्ड।
प्रश्न- नर्मदा बचाओ आन्दोलन की प्रमुख नेता कौन है?
उत्तर- सुश्री मेधा पाटेकर।
प्रश्न- पर्यावरण के प्रति भावी पीढ़ी को जागरूक करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने क्या महत्वपूर्ण निर्देश दिये हैं?
उत्तर- पर्यावरण शिक्षा को अनिवार्य बनाने के निर्देश माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने दिये हैं।
प्रश्न- उड़न राख (फ्लाई—ऐश) क्या होती है?
उत्तर- उड़न राख एक खतरनाक औघोगिक अपशिष्ट है। स्लेटी रंग की यह राख बहुत ही हल्की और बारीक होती है।

पर्यावरण संरक्षण में हमारी भूमिका : निबंध

निबंध - पर्यावरण संरक्षण में हमारी भूमिका 

पर्यावरण संरक्षण एक ऐसा मुद्दा है जिसे अकेले कोई हल नहीं कर सकता। न तो मात्र सरकारी स्तर पर बढ़ते पर्यावरण असंतुलन को नियन्त्रित किया जा सकता है तथा न ही कोई संगठन कर सकता है। इसके संरक्षण एवं संवर्द्धन में प्रत्येक व्यक्ति अपना योगदान दे तो यह कार्य आसान हो सकता है। इसके लिए हम सभी कुछ न कुछ योगदान अवश्य कर सकते हैं, चाहे हम विघार्थी हैं, शिक्षक हैं, जनप्रतिनिधि हैं, किसान हैं, युवा हैं, गृहणी हैं या व्यापारी। हम सबकी पर्यावरण संरक्षण में भूमिका हो सकती है, यदि हम दैनिक जीवन में कुछ छोटी—छोटी बातों का ध्यान रखकर कार्य करें।

कुछ करने योग्य बातें -

1. पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों का न्यूनतम विरोध अवश्य करें।
2. कागज़ का दोनों तरफ से प्रयोग करके कागज़ की खपत घटायें तथा लिफाफों को भी पुनः प्रयोग में लायें।
3. पुरानी पुस्तकें पुस्तकालयों या जरूरतमंद लोगों को भेंट कर दें।
4. यात्रा के लिए यथासंभव सार्वजनिक वाहनों का ही प्रयोग करें। कम दूरी की यात्रा के लिए साईकिल का प्रयोग करें।
5. बाज़ार जाते समय कपड़े या जूट का थ्ौला साथ ले जायें, सामान उसी में लायें।
6. नल बेकार चल रहा हो तो तुरन्त बंद कर दें।
7. हर प्रकार से जल की बचत करें, क्योंकि जल ही जीवन है।
8. फलों व सब्जियों के छिलकों को केंचुओं की मदद से खाद बनाने में प्रयोग करें।
9. खुशी के अवसरों व अपने प्रियजनों की स्मृति में पौधे लगायें।
10. पर्यावरण संरक्षण में मद्दगार जीवों यथा गिद्ध, सांप, छिपकली, मेंढ़क, केंचुआ तथा बाघ आदि की रक्षा करें।
11. पेयजल स्त्रोतों के आसपास सफाई रखें।
12. वर्षा जल के संग्रह का स्वयं प्रयास करें व सरकारी योजनाओं में सहयोग करें।
13. परम्परागत जल स्त्रोतों—जोहड़, तालाब, नदियों व बावड़ियों आदि का संरक्षण करेंं।
14. अपने खेतों की मेंढ ऊंची बनायें ताकि वर्षा का पानी बहकर न जा सके।
15. पानी का बार—बार प्रयोग करें जैसे—सब्जी धोए हुए पानी को पौधों में डाल दें। कपड़े धोए हुए पानी से पोंछा लगा लें।
16. व्यर्थ बहते व गन्दे पानी को सोख्ता गड्ढे (सोक पिट्स) बनाकर उसमें डालें। इससे कीचड़ तो समाप्त होगा ही भूमिगत जलस्तर बढ़ाने में भी मद्द मिलेगी।
17. गोबर गैस प्लांट लगाकर बायो गैस से भोजन बनायें तथा ईंधन के रूप में जलने वाली लकड़ी व गोबर की बचत करें। सरकार अनुदान देकर गोबर गैस प्लांट लगवाती है।
18. सौर उपकरणों का प्रयोग करके ऊर्जा संसाधन बचायें। सौर उपकरण भी सरकार अनुदान पर उपलब्ध करवाती है।
19. नियमित रूप से यज्ञ करें ताकि वातावरण शुद्ध रहे।
20. रतनजोत (जट्रोफा) के अधिक से अधिक पौधे लगाकर बायो डीजल बनाने में सहयोग करें। पौधे लगाने के लिए सरकार सहयोग करती है तथा पैदावार भी खरीदती है।

पर्यावरण से सजग प्रहरी - वन

प्रश्नहमारे देश में कितने क्षेत्र पर वन शेष हैं?
उत्तरसंयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष द्वारा वर्ष 2000 में जारी रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश में 19 प्रतिशत वन क्षेत्र शेष हैं।
प्रश्न- 20वीं सदी की शुरूआत तक कितने क्षेत्र में वन थे?
उत्तर- 40 प्रतिशत।
प्रश्नहमारे देश में कितने वन प्रतिवर्ष नष्ट हो जाते हैं?
उत्तरभारत में औसतन 13 लाख हेक्टेयर वन हर वर्ष नष्ट हो रहे हैं।
प्रश्नभारत में रिजर्व वन कितने क्षेत्र में हैं?
उत्तरलगभग 4,16,516 वर्ग किलोमीटर में।
प्रश्न- भारत में सुरक्षित वन क्षेत्र कितना है?
उत्तर- लगभग 223309 वर्ग किलोमीटर।
प्रश्न- भारत में अवर्गीकृत वन क्षेत्र कितना है?
उत्तर- लगभग 1,25,385 वर्ग किलोमीटर।
प्रश्न- हरियाणा प्रदेश में कितने भाग पर वन हैं?
उत्तर- 3.85 प्रतिशत।
प्रश्न- भारत में पेड़ लगाने की दर क्या है?
उत्तर- 48 वर्ग किलोमीटर वार्षिक।
प्रश्न- 1970 से 2002 के बीच पृथ्वी पर से कितने जंगल नष्ट हो गये?
उत्तर- डब्ल्यूडब्ल्यूएफकी रिपोर्ट के अनुसार 1970 से 2002 के बीच पृथ्वी पर से 12 फीसदी जंगल कम हो गये।
प्रश्न- भारत में वर्ष 2001 से 2003 तक कितने सघन जंगल कम हुए?
उत्तर- पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की वन स्थिति रिपोर्ट 2003 के अनुसार वर्ष 2001 में सघन जंगल 416.809 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले थे जो 2003 में 390.564 वर्ग किमीतक सीमित हो गये। रिपोर्ट के अनुसार औघोगिकरण से जंगलों का विनाश हुआ।
प्रश्न- भारत में वर्तमान में कितने क्षेत्र पर वन मौजूद हैं?
उत्तर- 19 जुलाई 2005 को जारी भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट ट्टवन स्थिति 2003’ के अनुसार देश में 678.333 वर्ग कि0मीवनावरण उपस्थिति है जो कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 20.64 प्रतिशत है।

पर्यावरण और स्वास्थ्य

प्रश्न- एल्यूमिनियम के बर्तनों का मानव स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर- एल्यूमिनियम मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। अमेरिका के नेशनल कैमिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में हुये शोध के अनुसार एल्यूमिनियम पेट के लिए हानिकारक है। जब पकते भोजन में नमक डाला जाता है तो एल्यूमिनियम हाइड्रोक्लोराइड का निर्माण तथा एल्यूमिनियम के सल्फेट के साथ क्षारीय सल्फेट मिलकर फिटकरी का निर्माण कर देते हैं जिससे पेट का अल्सर, पक्षाघात आदि रोग व शरीर में फास्फेट की कमी हो सकती है। इसलिए एल्यूमिनियम के बर्तनों का यथासंभव प्रयोग नहीं करना चाहिए। यदि करना भी पड़े तो नमक या सोडा बिल्कुल न डालें।
प्रश्न- क्या चांदी के वर्क शाकाहारी व्यक्ति के खाने योग्य होते हैं?
उत्तर- नहीं। चांदी के वर्क बनाने के लिए बैल की आंतों का प्रयोग किया जाता है। बैल के आंतों को काटकर उनकी तहों के बीच में चांदी के टुकड़े रख दिये जाते हैं और हथौड़े मारे जाते है जिससे चांदी फैलकर वर्क बन जाती है। बैल की आंत मजबूत होने के कारण हथौड़े से भी टूटती नहीं। मगर वर्कों पर आंतों का कुछ अंश अवश्य लग जाता है। इसलिए ये शाकाहारी व्यक्ति के खाने योग्य नहीं है।
प्रश्न- बढ़ते प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर कितना गहरा प्रभाव पड़ रहा है?
उत्तर- बढ़ते प्रदूषण के परिणामस्वरूप आज देश का हर 100वां व्यक्ति कैंसर से पीड़ित है।
प्रश्न- क्या आईसक्रीम व आईसकैंडी स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त है?
उत्तर- नहीं। आईसक्रीम व आईसकैंडी स्वास्थ्य के लिए घातक होती हैं। क्योंकि इन्हें दूध से बनाने की बजाय आमतौर पर व्हाईट पोस्टर कलर, मैदा व अरारूट से तैयार किया जाता है। पोस्टर कलर स्वास्थ्य के लिए घातक होते हैं। इनमें मीठे के रूप में चीनी की बजाय सैक्रीन व मीठे सोडे का प्रयोग किया जाता है जो की घातक है। इतना ही नहीं इनमें रंग भी खाने वाले न डालकर होली खेलने व कपड़े रंगने वाले प्रयोग किये जाते हैं। परिणामस्वरूप हैजा, डायरिया जैसे रोग हो सकते हैं।
प्रश्न- ऑक्सिटोसीन क्या काम आता है?
उत्तर- ऑक्सिटोसीन एक दवा होती है जो प्रसव के दौरान महिला को टीके के रूप में दी जाती है ताकि महिला को अधिक कष्ट न हो।
प्रश्न- ऑक्सिटोसीन का कैसे दुरूपयोग हो रहा है?
उत्तर- कुछ लालची लोगों द्वारा पशुओं का बूंद—बूंद दूध निचोड़ने के लिए इस टीके का प्रयोग किया जाने लगा है जो घातक है। इसका प्रयोग आजकल सब्जियों को जल्दी बड़ा करने के लिए भी किया जाता है।
प्रश्न- दूध निकालने के लिए ऑक्सिटोसीन का प्रयोग करने के दुष्परिणाम बताएं।
उत्तर- इसके प्रयोग से दुधारू पशु के स्वास्थ्य पर तो कुप्रभाव पड़ता ही है साथ में दूध पीने वाले को उल्टियां, नपुंसकता, महिलाओं में स्तन कैंसर तथा गर्भपात हो सकता है।
प्रश्न- सिंथेटिक दूध व घी बनाने के लिए किन पदार्थों का उपयोग होता है?
उत्तर- यूरिया, महुवे का तेल, काला तेल, तेज़ाब, फार्मलडीहाइड रसायन, सुरजमुखी का तेल तथा एसोटिक एसिड आदि प्रयोग किये जाते हैं। ये दूध व घी अत्यन्त घातक होते हैं और इनके लगातार उपयोग से अनेक बीमारियां हो सकती हैं।
प्रश्न- फ्लोरोसिस किस बीमारी का नाम है?
उत्तर- दाँतों व हड्डियों की बीमारी का।
प्रश्न- भारत में कितने लोग फ्लोरोसिस से ग्रस्त हैं?

उत्तर- 62 करोड़ लोग दूषित जल के कारण फ्लोरोसिस के शिकार हैं। 

पर्यावरण और सौन्दर्य प्रसाधन

प्रश्न- सौन्दर्य प्रसाधन पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते हैं?
उत्तर- सौन्दर्य प्रसाधनों के निर्माण के दौरान CFC (क्लोरो—फ्लोरो कार्बन) गैसें निकलती हैं जो कि ओजोन परत के क्षय के लिए उत्तरदायी हैं।
प्रश्न- क्या लिपस्टिक शाकाहारी महिलाओं के उपयोग के लायक है?
उत्तर- नहीं। लिपिस्टिक में जानवरों का खून होता है, इसलिए शाकाहारी लोगों के उपयोग योग्य नहीं है।
प्रश्न- सैंट बनाने के लिए किस जानवर का उत्पीड़न किया जाता है?
उत्तर- बिज्जू का।
प्रश्न- प्रयोग के दौरान शैम्पू किस जानवर की आँखें छीन रहा है?
उत्तर- खरगोश की।
प्रश्न- क्या फेस क्रीम से चेहरे की सुन्दरता बढ़ती है?
उत्तर - नहीं। फेस क्रीम में रसायन होते हैं जिनसे चेहरे की प्राकृतिक सुन्दरता भी नष्ट हो जाती है।
प्रश्न- सूटकेस व पर्स आदि बनाने के लिए किस जानवर का कत्ल किया जाता है?
उत्तर- कछुओं का।
प्रश्न- बालों, चर्बी व मांस के लिए किस जानवर को जिन्दा जलाया जाता है?
उत्तर- सुअर को।
प्रश्न- रेशम की एक साड़ी बनाने के लिए कितने कीड़ों को उबलते पानी में डालना पड़ता है?
उत्तर- लगभग पांच हजार रेशम के कीड़ों को।
प्रश्न- हाथी दांत सौन्दर्य—प्रसाधन तैयार करने के लिए किस जानवर को मारा जाता है?
उत्तर- हाथी को।
प्रश्न- ऑफ्टर शेव लोशन की परीक्षा किस प्राणी पर की जाती है?
उत्तर- ऑफ्टर शेव लोशन के परीक्षण के लिए गिनीपिगों की चमड़ी उधेड़ी जाती है।
प्रश्न- कस्तूरी के लिए किस जानवर को मारा जाता है?
उत्तर- कस्तूरी मृग को।
प्रश्न- नहाने के साबुन में पशुजनित कौन—सा पदार्थ मिलाया जाता है?
उत्तर- नहाने के साबुन में 65 से 85 प्रतिशत तक जानवरों की चर्बी मिलाई जाती है जिसे पशुवसा कहते हैं।
प्रश्न- क्रीम (फेस क्रीम, कोल्ड क्रीम आदि) में चिकनाई पैदा करने के लिए कौन—सा पदार्थ मिलाया जाता है?
उत्तर- जानवरों की चर्बी।
प्रश्न- नेल पालिश में कौन—कौन से घातक रसायनों का प्रयोग होता है?
उत्तर- नेल पालिश में एसीटोन, स्प्रिट, आइसो—प्रोपाइल, अल्कोहल, टोल्यूएशन, टाइटेनियम ऑक्साइड, नाइट्री—सेल्यूलोज, जिलेटिन, टारेन, फिनायल आदि रसायन प्रयुक्त होते हैं।
प्रश्न- नेल पालिश के प्रयोग से कौन—कौन से रोग होने का खतरा रहता है?
उत्तर- नेल पालिश में प्रयुक्त रसायनों से दाद, खुजली आदि चर्म रोग, सिरदर्द, सांस सम्बंधी बीमारियां, फेफड़ों की जलन व नाखूनों की बदरंगता के अलावा कैंसर होने का खतरा रहता है।

पर्यावरण के लिए चुनौती बनता पॉलीथीन

पर्यावरण के लिए खतरा पोलीथिन 

आधुनिकता की अंधी दौड़ में आज आदमी थैला लेकर बाज़ार से सामान लाना अपनी प्रतिष्ठा के विरूद्ध समझने लगा है। परिणामस्वरूप पॉलीथीन के थैले-थैलियों का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। हर वस्तु की पैकिंग अब पॉलीथीन में होने लगी है और यह अब जीवन का अनिवार्य अंग बन चुका है। किंतु पॉलीथीन का प्रयोग हमारे पर्यावरण के लिए अति घातक सिद्ध हो रहा है। इसकी उपयोगिता के कारण इसके दुष्परिणामों को भी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता।
पॉलीथीन बैग से निर्माण से इसके नष्ट होने तक का सफर पर्यावरण को किसी न किसी रूप में प्रदूषित करता है। इनको बनाते समय प्लास्टिक जलने से बदबू उठती है जिससे वायु प्रदूषण फैलता है। जब इसका प्रयोग करने के बाद फेंक दिया जाता है तब भी ये प्रदूषण का मुख्य कारण बनते हैं। कूड़े के ढेर में फेंके गए पॉलीथीन हवा से उडक़र नालियों तक पहुँच जाते हैं और उन्हें अवरूद्ध कर देते हैं। जिससे गंदा पानी सडक़ों पर बहने लगता है और पर्यावरण को प्रदूषित करता है। इसी प्रकार जब पॉलीथीन सीवरेज में चले जाते हैं तो शहर भर की सिवरेज व्यवस्था को में रुकावट पैदा कर देते हैं। नालियों और सिवरेज में सर्वाधिक रुकावट पॉलीथीन से ही होती है। 
सडक़ों और गलियों में उड़ते और नालियों में बहते पॉलीथीन जल स्त्रोतों तक पहुँच कर जल प्रदूषण का कारण भी बन रहे हैं। नदी, नालों, जोहड़ों और तालाबों में अकसर पॉलीथीन बैग तैरते देखे जा सकते हैं। 
विशेषज्ञों का मत है कि पॉलीथीन में खाद्य सामग्री डाली जाए तो वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारण है और घातक बीमारियों का कारण बन सकती है। इसके दुष्प्रभावों के परिणामस्वरूप कुछ राज्य सरकारों में इसके निर्माणए उपयोग और भंडारण पर पाबंदी लगाई हुई है। मगर जनसहयोग के अभाव में यह केवल कागजों तक ही सीमित होकर रह गई है। 
महानगरों और शहरों में ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी पॉलीथीन का प्रयोग बड़े पैमाने पर होने लगा है। गाँवों में किसान अपने घर का कूड़ा करकट खाद के रूप में खेतों में डालते हैं और अब पॉलीथीन भी खाद के साथ खेतों में पहुँच रहे हैं जो किसानों के लिए अभिशाप साबित हो रहे हैं। पॉलीथीन को गलकर नष्ट होने में वर्षों लगते हैं। जिससे इनकी संख्या खेतों में लगातार बढ़ रही है। बिजाई करते समय इनके नीचे जो बीज चले जाते हैं वे या तो उगते ही नहीं है और अगर उग भी जाएँ तो पॉलीथीन से बाहर नहीं आ पाते। इसी प्रकार यदि कोई बीज इनके ऊपर गिर जाता है तो वह भी नष्ट हो जाता है क्योंकि उसकी जड़े पॉलीथीन को पार करके भूमि में नहीं जा पाती। इसके कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। 
यदि हम अपनी सुविधा को पर्यावरण संरक्षण से अधिक महत्त्व देते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब चारों ओर पॉलीथीन का कचरा ही कचरा नजर आएगा। भूमि, जल और वायु सब प्रदूषित हो जाएँगे और हम स्वच्छ हवा और पानी के लिए तरस जाएँगे। इसलिए यह जरूरी है कि सरकार, समाज और व्यक्ति हर स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के प्रयास किए जाएँ। सरकार को पॉलीथीन पर पूर्ण पाबंदी लगा देनी चाहिए और उसे सख्ती से लागू करना चाहिए। समाज यह सुनिश्चित करे कि सरकार द्वारा लगाया गया प्रतिबंध प्रभावी हो। प्रत्येक नागरिक भी अपना उत्तरदायित्व समझकर स्वेच्छा से पॉलीथीन का प्रयोग न करने का संकल्प ले ताकि हमारा पर्यावरण स्वच्छ रहे।

प्रकृति की रोचक जानकारी

प्रकृति के रोचक किस्से 

1. जलमोर यानी जकाना लिली ट्राटर एक ऐसा पक्षी है जो पानी पर चल सकता है| इसके पंजे खूब लम्बे होते हैं जिनके कारण यह पानी में तैरती पत्तियों पर आसानी से चल लेता है| इसी खूबी के कारण इसको जलमोर कहा जाता है| भारत में भी इसकी दो प्रजातियाँ पाई जाती हैं|

2. सी-स्क्वर्ट एक ऐसा जीव है जिसका आकार बोतल जैसा होता है| इसी कारण इसे समुद्री पिचकारी के नाम से भी जाना जाता है| इसके शरीर में दो छेद होते हैं| एक से वह पानी अन्दर लेता है और दूसरे से शरीर का बेकार जल बाहर निकालता है, जिसे वह पिचकारी की तरह भी छोड़ता है| खतरा होने पर दोनों छेदों से पानी की पिचकारी छोड़ता है|

3. ग्रीव एक ऐसा जल पक्षी है जो अपने ही कुछ पर खा जाता है| वह अपने बच्चों को भी अण्डों में निकलने पर अपने पर ही खिलाता है|

4. अभी तक आपने सुना होगा की वृक्ष केवल देते हैं, कुछ लेते नहीं| मगर एक ऐसा वृक्ष भी है जो दूसरों की मेहनत को लूट लेता है| इस पेड़ का नाम है क्रिस्मस ट्री जो आस्ट्रेलिया में पाया जाता है| यह पेड़ तब फूल देता है जब बाकि पेड़ पतझड़ झेल रहे होते हैं|

यह वृक्ष दूसरे पेड़ों की लम्बी जड़ों द्वारा खींचे गए पानी पर डाका डालता है| इसके लिए यह अपनी जड़ों को दूसरे पेड़ों की उन जड़ों से जोड़ लेता है जो जल खिंच कर लाती हैं और उनसे पानी चूसता रहता है और गर्मी में भी हराभरा रहता है|  

पर्यावरण संरक्षण में विद्यार्थियों की भूमिका : निबंध

पर्यावरण संरक्षण में विद्यार्थियों की भूमिका : निबंध 

पर्यावरण प्रदूषण एक वैश्विक और जटिल समस्या है। कोई देश या सरकार अकेले अपने दम पर इस समस्या का समाधान नहीं कर सकती। इससे निपटने के लिए प्रत्येक नागरिक को अपना उत्तरदायित्व निभाना होगा। विद्यार्थी भी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान दे सकते हैं।
विद्यार्थियों को कागज का प्रयोग दोनों तरफ से और मितव्ययिता से करना चाहिए। क्योंकि लकड़ी की सर्वाधिक खपत कागज और लुगदी उद्योग में ही होती है, जिसे पूरा करने के लिए पेड़ों को काटना पड़ता है और पर्यावरण का नुकसान होता है। विद्यार्थियों को अपनी पुरानी किताबें किसी बुक-बैंक या जरूरतमंद अन्य विद्यार्थी को दे देनी चाहिए। इसी प्रकार नोट बुक्स में खाली पृष्ठ नहीं छोडऩे चाहिए और भरी हुई नोट बुक्स को फाडक़र फेंकने की बजाय रद्दी वाले को दे देनी चाहिए, जिससे कागज को रि-साईकिल किया जा सके और पेड़ों की रक्षा हो सके।
प्रकृति ने जितना जल हमें दिया है उसका केवल एक प्रतिशत ही हम पृथ्वी वासी उपयोग कर सकते हैं। वह भी धीरे-धीरे प्रदूषित होता जा रहा है। स्थिति यह है कि आज भी दुनिया में डेढ़ अरब लोग ऐसे हैं जिन्हें स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पाता। इसलिए विद्यार्थी जल संरक्षण में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। हाथ-मुँह धोते और ब्रश करते समय नल को खुला नहीं छोडऩा चाहिए, ये कार्य लोटे या मग में पानी लेकर किए जा सकते हैं। नहाते समय शॉवर की बजाय बाल्टी का प्रयोग करना चाहिए, इससे जल की बचत होगी। विद्यार्थी जल संरक्षण के लिए अपने घर-परिवार और आस-पड़ोस में लोगों को जागरूक करने का काम भी कर सकते हैं।
पॉलीथीन भी पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती है। इसलिए विद्यार्थियों को इसके प्रयोग से बचना चाहिए। जब भी सामान लेने जाएँ थैला साथ लेकर जाएँ। यूज एंड थ्रो वाली चीजों का प्रयोग करने से बचें। अगर प्लास्टिक या पॉलीथीन की पैकिंग में कोई सामान लाते भी हैं तो थैलियों को इधर-उधर न फेंके। क्योंकि ये थैलियाँ उडक़र नालियों और सिवरेज में पहुँचकर उन्हें अवरूद्ध कर देती हैं और गंदगी सडक़ों पर फैल जाती है। इसी प्रकार ये जलस्त्रोतों तक पहुँच कर जल को भी प्रदूषित करती हैं। इसलिए प्लास्टिक कचरा सुरक्षित और निर्धारित स्थान पर ही डालें ताकि उसे रि-साईकिल किया जा सके।
विद्यार्थी बिजली की बचत करके भी पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं। क्योंकि बिजली के उत्पादन में कोयला, गैस या जल का प्रयोग होता है और बिजली का अपव्यय इन ऊर्जा स्त्रोतों को प्रभावित करने के साथ-साथ पर्यावरण प्रदूषण का कारण भी बनता है। कोयला जलने से जहरीला धुँआ तो निकलता ही है फ्लाई ऐश भी पैदा होती है जो पर्यावरण के लिए घातक है। इसलिए विद्यार्थियों को ध्यान रखना चाहिए कि जब आवश्यकता न हो बिजली के उपकरण बंद कर दें। लाईट और पंखा केवल उसी कमरे का चालू रखें जहाँ बैठकर पढ़ रहे हों। यदि संभव हो तो सौर ऊर्जा के उपकरणों का अधिक से अधिक उपयोग करें।
विद्यार्थी निजी साधनों की बजाय सार्वजनिक यातायात के साधनों का उपयोग करके भी तेल और पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं। कम दूरी पर जाने के लिए साईकिल का प्रयोग करें या पैदल चलें इससे सेहत भी ठीक रहती है और पर्यावरण को भी हानि नहीं पहुँचती।
त्योहारों और उत्सवों पर आतिशबाजी करके प्रदूषण नहीं फैलाना चाहिए और नाही बिजली-पानी की बर्बादी करनी चाहिए। बल्कि पौधारोपण करके इनको यादगार बनाना चाहिए। जन्म दिवस पर तो हर वर्ष एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए।
वायु प्रदूषण के नियंत्रण में भी विद्यार्थी अपना सहयोग दे सकते हैं। जब भी टी.वी. या सी.डी. प्लेयर आदि चलाएँ तो आवाज इतनी ही रखें की आपको सुन जाए। तेज आवाज में म्यूजिक नहीं बजाना चाहिए और अपनी बाईक आदि में भी साधारण हॉर्न का केवल जरूरत होने पर ही प्रयोग करना चाहिए।
उपरोक्त छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर हम अपने पर्यावरण और भविष्य दोनों को सुरक्षित कर सकते हैं।

पर्यावरण और मानव पर रसायनों के दुष्प्रभाव

प्रश्न- शैम्पू में कैंसर पैदा करने वाला कौन-सा रसायन होता है?
उत्तर- शैम्पू में नाइट्रोसैमाइन्स रसायन होता है, जिससे कैंसर होता है।
प्रश्न-लिपस्टिक में कौन-कौन से हानिकारक तत्व पाये जाते हैं? 
उत्तर-कैम्पेन फॉर सेफ कास्मेटिक्स नामक अमेरिकी संगठन के अनुसार लिपस्टिक में हानिकारक तत्व सीसे की मात्रा निर्धारित स्तर से बहुत अधिक होती है। सीसे के पेट में ताने से गर्भधररण क्षमता का ह्रास और गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। संगठन के अनुसार महँगी लिपस्टिक में सीसे के अंश सस्ती लिपस्टिक से कहीं अधिक होते हैं।                                                                                                                               प्रश्र-लिपस्टिक में कैंसर पैदा करने वाला कौन-सा रसायन होता है?


उत्तर- फिलाडेल्फिया के फॉक्स चेंज कैंसर केन्द्र की शोध रिर्पोट के अनुसार लिपस्टिक मेें ब्यूटाइल बेंजाइल थायलेट अर्थात बीबीपी नामक रासायनिक पदार्थ के कारण स्तन उत्तक के विकास में रुकावट आती है। बीबीपी का प्रयोग लिपस्टिक को चमकीला बनाने के लिए किया जाता है। जिससे स्तन कैंसर हो सकता है।             
प्रश्र-धुमपान और शराब का एक साथ प्रयोग शरीर के किस अंग को प्रभावित करता है?
उत्तर-निकोटीन व शराब का एक साथ सेवन दिमागी क्षमता को प्रभावित करता है। टेम्पल विश्वविद्यालय के शोध के अनुसार दोनों मादन पदार्थों का एक साथ प्रयोग मनुष्य के सीखने की क्षमता को भी प्रभावित करता है।                                                                                                                                                         
प्रश्न- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मानव दूध में डीडीटी की कितनी मात्रा सुरक्षित है? 
उत्तर- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिदिन एक लीटर दूध में डीडीटी की 0.005 मिली ग्राम मात्रा को स्वीकार किया जा सकता है।
प्रश्न- पंजाब में मानव दूध में डीडीटी/बीएचसी की कितनी मात्रा पाई गई है?
उत्तर- पंजाब राज्य विज्ञान एवं तकनीकी परिषद के एक अध्ययन के अनुसार पंजाब में मानव दूध में डीडीटी की मात्रा प्रति लीटर 0.51 मिली ग्राम पाई गई जो अमेरिका, कनाडा, यूरोप और आस्ट्रेलिया से अधिक है। 
प्रश्न- विश्व में मानव दूध में सर्वाधिक डीडीटी कहाँ पाई गई है?
उत्तर- ग्वाटेमाला के मानव दूध में 4.07 मिली ग्राम।

ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण

प्रश्न- ग्लोबल वार्मिंग के चलते मालदीव के कितने द्वीप समुद्र में डूब चुके हैं ?
उत्तर- 9 द्वीप|
प्रश्न- हिमालय में फैला ग्लेशियर पिघलने के कारण 1962 से अब तक कितना सिकुड़ चुका है?
उत्तर- 21 प्रतिशत|
प्रश्न- पृथ्वी के तापमान में सन 1900 से लेकर अब तक कितनी वृद्धि हो चुकी है?
उत्तर- 3 फरवरी, 2007 को पैरिस में जारी पर्यावरण एवं मौसम विशेषज्ञों के अंतरराष्ट्रीय पैनल की रिपोर्ट के मुताबिक 0.7 से 0.8 डिग्री के बढ़ोतरी हो चुकी है| जिसके सन 2100 तक 1.1 से लेकर 6.4 डिग्री तक बढ़ने की आशंका है|
प्रश्न- मानव द्वारा प्रतिवर्ष कितनी कार्बन वायुमंडल में छोड़ी जा रही है?
उत्तर- मनुष्य 8 अरब मीट्रिक टन कार्बन सालाना वायुमंडल में छोड़ देते हैं| जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है|
प्रश्न- CFC अर्थात क्लोरो-फ्लोरो कार्बन गैस का प्रयोग किन-किन उपकरणों में होता है?
उत्तर- CFC का प्रयोग एयर कंडीशन और फ्रिज में होता है| इससे वायुमंडल में 17 प्रतिशत ग्रीन हाउस गैसें बढ़ रही हैं|
प्रश्न- वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैसें कैसे और कितनी बढ़ रही हैं?
उत्तर- जीवाश्म ईंधन से 57 प्रतिशत, CFC से 17 प्रतिशत, कृषि से 14 प्रतिशत, जंगलों के सफाए से 9 प्रतिशत तथा अन्य उद्योगों से 3 प्रतिशत ग्रीन हाउस गैस वायुमंडल में मिल रही हैं|
प्रश्न- वायुमंडल में कौन-सी गैस सर्वाधिक पाई जाती है?
उत्तर- नाइट्रोजन|
प्रश्न- वायुमंडल में कितने प्रतिशत नाइट्रोजन पाई जाती है?
उत्तर- 78 प्रतिशत|
प्रश्न- कौन-सी गैस ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए उत्तरदायी है?
उत्त्तर- कार्बनडाईऑक्साइड |
प्रश्न- विश्व में कितने ज्वालामुखी सक्रिय हैं?
उत्तर- 850
प्रश्न- प्रकृति का सुरक्षा वाल्व किसे कहा जाता है?
उत्तर- ज्वालामुखी |


जैवविविधता और पर्यावरण

प्रश्न- एशिया में पक्षियों की कुल कितनी प्रजातियाँ पाई जाती हैं?
उत्तर- 2900.
प्रश्न- एशिया में पाई जाने वाली 2900 पक्षी प्रजातियों में से कितनी विलुप्ति के कगार पर हैं?
उत्तर- 500.
प्रश्न- बर्ड लाइफ इंटरनेशनल ने कितनी प्रजातियों की पहचान की है, जिनकी स्थिति चिंताजनक है? 
उत्तर- 77 प्रजातियाँ |  जिनमें राजगिद्ध, शाकाहारी कबूतर, सतरंगी चिड़िया, नीलकंठ, तोते, मोर और बाज आदि की तादाद तेजी से घटी है|
प्रश्न- एशिया में पक्षियों पर सर्वाधिक संकट किस देश में है?
उत्तर- सबसे ख़राब स्थिति इंडोनेशिया की है, जहाँ पक्षियों की 180 प्रजातियाँ विलुप्ति के कगार पर हैं| दूसरे स्थान पर चीन है, जहाँ 178 प्रजातियों पर खतरा मंडरा रहा है| भारत में 93 प्रजातियों पर तथा फिलिपिन्स में 81 प्रजातियों पर खतरा मंडरा रहा है|
प्रश्न- तोते की उम्र कितनी होती है?
उत्तर- लगभग 50 साल|
प्रश्न- तोते वर्ष में कितनी बार प्रजनन करते हैं?
उत्तर- वर्ष में एक बार|
प्रश्न- सर्वाधिक लुप्त पक्षियों में से एक तोता पक्षी की कितनी प्रजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं तथा कितनी गंभीर खतरे में हैं?
उत्तर- तोते की 145 प्रजातियों में से 46 गंभीर खतरे में हैं जबकि 39 प्रजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं|
प्रश्न- दुनिया के सबसे लम्बे ज़हरीले कोबरा का क्या नाम है और यह कहाँ पाया जाता है?
उत्तर- दुनिया का सबसे लम्बा कोबरा केन्या में पाया जाता है, जो करीब 2.6 मीटर लम्बा तथा भूरे रंग व काले गले का होता है| इसको नाजा आशेई नाम दिया गया है| यह एक ही दंश में 20 लोगों को मौत की नींद सुला सकता है|

Wildlife in Haryana

National Parks in Haryana 

1. SultanPur National Park, Gurgaon.
2. Kalesar National Park, Yamunanagar.

Wildlife Sanctuaries in Haryana 

1. Kalesar Wild life Sanctuary, Yamunanagar.
2. Bir Shikargah wild life Sanctuary, Panchkula.
3. Chhilchhila wild life Sanctuary, Kurukshetra.
4. Nahar wild life Sanctuary, Rewari.
5. Abubshahar wild life Sanctuary, Sirsa.
6. Bhindawas wild life Sanctuary, Jhajjar.
7. Khaparwas wild life Sanctuary, Jhajjar.
8. Khol-Hi-Raitan wild life Sanctuary, Panchkula. 

Conservation Reserves in Haryana 

1. Saraswati, District Kaithal.
2. Bir Bara Ban, District Jind. 

Deer Park in Haryana 

1. Deer Park, Hisar.

Zoos in Haryana 

1. Mini Zoo, Bhiwani
2. Rohtak Zoo
3. Mini Zoo, Pipli.

Breeding Centers in Haryana 

1. Chinkara Breeding Center, Kairu.
2. Crocodile Breeding Center, Bhaur Saidan (Kurukshertra)
3. Vulture Conservation and Breeding Center, Pinjore.
4. Pheasant Breeding Center, Morni

5. Peacock and Chinkara Breeding Center, Jhabua.