प्रश्न- प्लास्टिक उत्पादन के दौरान निकलने वाली जहरीली गैसों के नाम बताएं।
उत्तर- प्लास्टिक उत्पादन के दौरान इथीलिन ऑक्साइड, बेंजीन और जाइलिन आदि खतरनाक गैसें निकलती हैं। इसे जलाने पर डायॉक्सिन भी निकलती है जो बहुत विष्ौली होती है और कैंसर पैदा करती हैं।
प्रश्न- क्या प्लास्टिक से बने खिलौने बच्चों के लिए उपयुक्त होते हैं?
उत्तर- नहीं। आमतौर पर खिलौने घटिया और रिसाईकल्ड प्लास्टिक से बनाये जाते हैं तथा इनमें घटिया व जहरीले रंगों का प्रयोग किया जाता है। इसलिए ये स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक व जानलेवा होते हैं।
प्रश्न- क्या लोहे और लकड़ी के बने खिलौने भी बच्चों के लिए नुकसानदायक नहीं होते?
उत्तर- लोहे और लकड़ी से बने खिलौने भी बच्चों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हैं। क्योंकि उनको सजाने के लिए बेहद घटिया व घातक रंगों का उपयोग किया जाता है न कि विष रहित रंगों का। बच्चे खिलौनों से खेलते समय उन्हें मुंह में ले लेते हैं जिससे जहरीले तत्त्व उनके मुंह में चले जाते हैं।
प्रश्न- वातावरण को शीशा व प्लास्टिक में से कौन अधिक प्रदूषित करता है?
उत्तर- प्लास्टिक। शीशे की एक बोतल के निर्माण के दौरान जितने विष्ौले पदार्थ निकलते हैं, उसी आकार की प्लास्टिक की बोतल के निर्माण में शीशे से 100 गुणा अधिक विष्ौले रसायन निकलते हैं।
प्रश्न- भारत में प्लास्टिक की कितनी खपत हो रही है?
उत्तर- भारत में इस समय 14 लाख टन से भी अधिक प्लास्टिक की खपत सालाना हो रही है।
प्रश्न- क्या प्लास्टिक व पोलिथीन में खाघ पदार्थ डालना सुरक्षित है?
उत्तर- नहीं। प्लास्टिक की अनेक किस्में ऐसी हैं जिनमें खाघ पदार्थों की पैकिंग सुरक्षित नहीं है। खासकर पॉलिस्टाइरीन, पी.वी.सी. और पॉलिक्राइलोनाइट्रिल काफी खतरनाक साबित हुये हैं।
प्रश्न- पी.वी.सी. को जलाने पर कौन—से जहरीले रसायन बनते हैं?
उत्तर- पी.वी.सी. को जलाने से डायॉक्सिन, फ्यूरॉन्स, हैक्सा क्लोरोबेंजीन आदि जहरीले रसायन बनते हैं जिनसे मनुष्यों में बुद्धिहीनता, जन्मजात विकार, बांझपन, नंपुसकता और कैंसर होने का खतरा रहता है।
प्रश्न- क्या पॉलिथीन का प्रयोग करना उचित है?
उत्तर- नहीं। पॉलिथीन से भूमि, जल और वायु तीनों प्रदूषित हो रहे हैं, इसलिए हमें पॉलिथीन थ्ौलियों के बजाय कपड़े व जूट के थैलों व कागज़ के लिफाफों का प्रयोग करना चाहिए।
प्रश्न- पॉलिथीन की थैलियों कृषकों व पशुपालकों के लिए कैसे हानिकारक है?
उत्तर- पॉलिथीन की फेंकी गयी थैलियों को अक्सर पशु खा जाते हैं, जो अन्दर जाकर पशुओं की आंतों में फंस जाती है और पशु की मौत हो जाती है। इसी प्रकार जब फैंके गये पॉलिथीन उड़कर खेतों में पहुंच जाते हैं तो फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। क्योंकि पॉलिथीन बीज के ऊपर गिर जाये तो उसे अंकुरित नहीं होने देती और बीज के नीचे आ जायें तो पौधे की जड़ें ज़मीन में नहीं जाने देती। इस प्रकार ये किसान व पशुपालकों के दुश्मन हैं।
प्रश्न- क्या हरियाणा में पॉलिथीन की थैलियों का उपयोग किया जा सकता है?
उत्तर- नहीं। हरियाणा में सरकार ने नॉन—बायोडिग्रेडेबेल (कन्ट्रोल) एक्ट बनाकर रिसाईकल्ड व रंगीन प्लास्टिक से बने थैले व थैलियों का संग्रह करने, उनकी बिक्री करने, उनमें खाघ वस्तुएं रखने तथा लाने—ले जाने व फैंकने पर पाबन्दी लगा रखी है। मगर अवैध रूप से इनका प्रयोग हो रहा है।
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