उत्तर- 62 करोड़ लोग दूषित जल के कारण फ्लोरोसिस के शिकार हैं।
28 Feb 2023
पर्यावरण और सौन्दर्य प्रसाधन
पर्यावरण के लिए चुनौती बनता पॉलीथीन
पर्यावरण के लिए खतरा पोलीथिन
आधुनिकता की अंधी दौड़ में आज आदमी थैला लेकर बाज़ार से सामान लाना अपनी प्रतिष्ठा के विरूद्ध समझने लगा है। परिणामस्वरूप पॉलीथीन के थैले-थैलियों का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। हर वस्तु की पैकिंग अब पॉलीथीन में होने लगी है और यह अब जीवन का अनिवार्य अंग बन चुका है। किंतु पॉलीथीन का प्रयोग हमारे पर्यावरण के लिए अति घातक सिद्ध हो रहा है। इसकी उपयोगिता के कारण इसके दुष्परिणामों को भी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता।प्रकृति की रोचक जानकारी
प्रकृति के रोचक किस्से
1. जलमोर यानी जकाना लिली ट्राटर एक ऐसा पक्षी है जो पानी पर चल सकता है| इसके पंजे खूब लम्बे होते हैं जिनके कारण यह पानी में तैरती पत्तियों पर आसानी से चल लेता है| इसी खूबी के कारण इसको जलमोर कहा जाता है| भारत में भी इसकी दो प्रजातियाँ पाई जाती हैं|2. सी-स्क्वर्ट एक ऐसा जीव है जिसका आकार बोतल जैसा होता है| इसी कारण इसे समुद्री पिचकारी के नाम से भी जाना जाता है| इसके शरीर में दो छेद होते हैं| एक से वह पानी अन्दर लेता है और दूसरे से शरीर का बेकार जल बाहर निकालता है, जिसे वह पिचकारी की तरह भी छोड़ता है| खतरा होने पर दोनों छेदों से पानी की पिचकारी छोड़ता है|
3. ग्रीव एक ऐसा जल पक्षी है जो अपने ही कुछ पर खा जाता है| वह अपने बच्चों को भी अण्डों में निकलने पर अपने पर ही खिलाता है|
4. अभी तक आपने सुना होगा की वृक्ष केवल देते हैं, कुछ लेते नहीं| मगर एक ऐसा वृक्ष भी है जो दूसरों की मेहनत को लूट लेता है| इस पेड़ का नाम है क्रिस्मस ट्री जो आस्ट्रेलिया में पाया जाता है| यह पेड़ तब फूल देता है जब बाकि पेड़ पतझड़ झेल रहे होते हैं|
यह वृक्ष दूसरे पेड़ों की लम्बी जड़ों द्वारा खींचे गए पानी पर डाका डालता है| इसके लिए यह अपनी जड़ों को दूसरे पेड़ों की उन जड़ों से जोड़ लेता है जो जल खिंच कर लाती हैं और उनसे पानी चूसता रहता है और गर्मी में भी हराभरा रहता है|
पर्यावरण संरक्षण में विद्यार्थियों की भूमिका : निबंध
पर्यावरण संरक्षण में विद्यार्थियों की भूमिका : निबंध
विद्यार्थियों को कागज का प्रयोग दोनों तरफ से और मितव्ययिता से करना चाहिए। क्योंकि लकड़ी की सर्वाधिक खपत कागज और लुगदी उद्योग में ही होती है, जिसे पूरा करने के लिए पेड़ों को काटना पड़ता है और पर्यावरण का नुकसान होता है। विद्यार्थियों को अपनी पुरानी किताबें किसी बुक-बैंक या जरूरतमंद अन्य विद्यार्थी को दे देनी चाहिए। इसी प्रकार नोट बुक्स में खाली पृष्ठ नहीं छोडऩे चाहिए और भरी हुई नोट बुक्स को फाडक़र फेंकने की बजाय रद्दी वाले को दे देनी चाहिए, जिससे कागज को रि-साईकिल किया जा सके और पेड़ों की रक्षा हो सके।
प्रकृति ने जितना जल हमें दिया है उसका केवल एक प्रतिशत ही हम पृथ्वी वासी उपयोग कर सकते हैं। वह भी धीरे-धीरे प्रदूषित होता जा रहा है। स्थिति यह है कि आज भी दुनिया में डेढ़ अरब लोग ऐसे हैं जिन्हें स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पाता। इसलिए विद्यार्थी जल संरक्षण में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। हाथ-मुँह धोते और ब्रश करते समय नल को खुला नहीं छोडऩा चाहिए, ये कार्य लोटे या मग में पानी लेकर किए जा सकते हैं। नहाते समय शॉवर की बजाय बाल्टी का प्रयोग करना चाहिए, इससे जल की बचत होगी। विद्यार्थी जल संरक्षण के लिए अपने घर-परिवार और आस-पड़ोस में लोगों को जागरूक करने का काम भी कर सकते हैं।
पॉलीथीन भी पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती है। इसलिए विद्यार्थियों को इसके प्रयोग से बचना चाहिए। जब भी सामान लेने जाएँ थैला साथ लेकर जाएँ। यूज एंड थ्रो वाली चीजों का प्रयोग करने से बचें। अगर प्लास्टिक या पॉलीथीन की पैकिंग में कोई सामान लाते भी हैं तो थैलियों को इधर-उधर न फेंके। क्योंकि ये थैलियाँ उडक़र नालियों और सिवरेज में पहुँचकर उन्हें अवरूद्ध कर देती हैं और गंदगी सडक़ों पर फैल जाती है। इसी प्रकार ये जलस्त्रोतों तक पहुँच कर जल को भी प्रदूषित करती हैं। इसलिए प्लास्टिक कचरा सुरक्षित और निर्धारित स्थान पर ही डालें ताकि उसे रि-साईकिल किया जा सके।
विद्यार्थी बिजली की बचत करके भी पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं। क्योंकि बिजली के उत्पादन में कोयला, गैस या जल का प्रयोग होता है और बिजली का अपव्यय इन ऊर्जा स्त्रोतों को प्रभावित करने के साथ-साथ पर्यावरण प्रदूषण का कारण भी बनता है। कोयला जलने से जहरीला धुँआ तो निकलता ही है फ्लाई ऐश भी पैदा होती है जो पर्यावरण के लिए घातक है। इसलिए विद्यार्थियों को ध्यान रखना चाहिए कि जब आवश्यकता न हो बिजली के उपकरण बंद कर दें। लाईट और पंखा केवल उसी कमरे का चालू रखें जहाँ बैठकर पढ़ रहे हों। यदि संभव हो तो सौर ऊर्जा के उपकरणों का अधिक से अधिक उपयोग करें।
विद्यार्थी निजी साधनों की बजाय सार्वजनिक यातायात के साधनों का उपयोग करके भी तेल और पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं। कम दूरी पर जाने के लिए साईकिल का प्रयोग करें या पैदल चलें इससे सेहत भी ठीक रहती है और पर्यावरण को भी हानि नहीं पहुँचती।
त्योहारों और उत्सवों पर आतिशबाजी करके प्रदूषण नहीं फैलाना चाहिए और नाही बिजली-पानी की बर्बादी करनी चाहिए। बल्कि पौधारोपण करके इनको यादगार बनाना चाहिए। जन्म दिवस पर तो हर वर्ष एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए।
वायु प्रदूषण के नियंत्रण में भी विद्यार्थी अपना सहयोग दे सकते हैं। जब भी टी.वी. या सी.डी. प्लेयर आदि चलाएँ तो आवाज इतनी ही रखें की आपको सुन जाए। तेज आवाज में म्यूजिक नहीं बजाना चाहिए और अपनी बाईक आदि में भी साधारण हॉर्न का केवल जरूरत होने पर ही प्रयोग करना चाहिए।
उपरोक्त छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर हम अपने पर्यावरण और भविष्य दोनों को सुरक्षित कर सकते हैं।
पर्यावरण और मानव पर रसायनों के दुष्प्रभाव
ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण
उत्तर- 9 द्वीप|
प्रश्न- हिमालय में फैला ग्लेशियर पिघलने के कारण 1962 से अब तक कितना सिकुड़ चुका है?
उत्तर- 21 प्रतिशत|
प्रश्न- पृथ्वी के तापमान में सन 1900 से लेकर अब तक कितनी वृद्धि हो चुकी है?
उत्तर- 3 फरवरी, 2007 को पैरिस में जारी पर्यावरण एवं मौसम विशेषज्ञों के अंतरराष्ट्रीय पैनल की रिपोर्ट के मुताबिक 0.7 से 0.8 डिग्री के बढ़ोतरी हो चुकी है| जिसके सन 2100 तक 1.1 से लेकर 6.4 डिग्री तक बढ़ने की आशंका है|
प्रश्न- मानव द्वारा प्रतिवर्ष कितनी कार्बन वायुमंडल में छोड़ी जा रही है?
उत्तर- मनुष्य 8 अरब मीट्रिक टन कार्बन सालाना वायुमंडल में छोड़ देते हैं| जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है|
प्रश्न- CFC अर्थात क्लोरो-फ्लोरो कार्बन गैस का प्रयोग किन-किन उपकरणों में होता है?
उत्तर- CFC का प्रयोग एयर कंडीशन और फ्रिज में होता है| इससे वायुमंडल में 17 प्रतिशत ग्रीन हाउस गैसें बढ़ रही हैं|
प्रश्न- वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैसें कैसे और कितनी बढ़ रही हैं?
उत्तर- जीवाश्म ईंधन से 57 प्रतिशत, CFC से 17 प्रतिशत, कृषि से 14 प्रतिशत, जंगलों के सफाए से 9 प्रतिशत तथा अन्य उद्योगों से 3 प्रतिशत ग्रीन हाउस गैस वायुमंडल में मिल रही हैं|
प्रश्न- वायुमंडल में कौन-सी गैस सर्वाधिक पाई जाती है?
उत्तर- नाइट्रोजन|
प्रश्न- वायुमंडल में कितने प्रतिशत नाइट्रोजन पाई जाती है?
उत्तर- 78 प्रतिशत|
प्रश्न- कौन-सी गैस ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए उत्तरदायी है?
उत्त्तर- कार्बनडाईऑक्साइड |
प्रश्न- विश्व में कितने ज्वालामुखी सक्रिय हैं?
उत्तर- 850
प्रश्न- प्रकृति का सुरक्षा वाल्व किसे कहा जाता है?
उत्तर- ज्वालामुखी |
जैवविविधता और पर्यावरण
प्रश्न- एशिया में पक्षियों की कुल कितनी प्रजातियाँ पाई जाती हैं?
उत्तर- 2900.
प्रश्न- एशिया में पाई जाने वाली 2900 पक्षी प्रजातियों में से कितनी विलुप्ति के कगार पर हैं?
उत्तर- 500.
प्रश्न- बर्ड लाइफ इंटरनेशनल ने कितनी प्रजातियों की पहचान की है, जिनकी स्थिति चिंताजनक है?
उत्तर- 77 प्रजातियाँ | जिनमें राजगिद्ध, शाकाहारी कबूतर, सतरंगी चिड़िया, नीलकंठ, तोते, मोर और बाज आदि की तादाद तेजी से घटी है|
प्रश्न- एशिया में पक्षियों पर सर्वाधिक संकट किस देश में है?
उत्तर- सबसे ख़राब स्थिति इंडोनेशिया की है, जहाँ पक्षियों की 180 प्रजातियाँ विलुप्ति के कगार पर हैं| दूसरे स्थान पर चीन है, जहाँ 178 प्रजातियों पर खतरा मंडरा रहा है| भारत में 93 प्रजातियों पर तथा फिलिपिन्स में 81 प्रजातियों पर खतरा मंडरा रहा है|
प्रश्न- तोते की उम्र कितनी होती है?
उत्तर- लगभग 50 साल|
प्रश्न- तोते वर्ष में कितनी बार प्रजनन करते हैं?
उत्तर- वर्ष में एक बार|
प्रश्न- सर्वाधिक लुप्त पक्षियों में से एक तोता पक्षी की कितनी प्रजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं तथा कितनी गंभीर खतरे में हैं?
उत्तर- तोते की 145 प्रजातियों में से 46 गंभीर खतरे में हैं जबकि 39 प्रजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं|
प्रश्न- दुनिया के सबसे लम्बे ज़हरीले कोबरा का क्या नाम है और यह कहाँ पाया जाता है?
उत्तर- दुनिया का सबसे लम्बा कोबरा केन्या में पाया जाता है, जो करीब 2.6 मीटर लम्बा तथा भूरे रंग व काले गले का होता है| इसको नाजा आशेई नाम दिया गया है| यह एक ही दंश में 20 लोगों को मौत की नींद सुला सकता है|
Wildlife in Haryana
National Parks in Haryana
Wildlife Sanctuaries in Haryana
Conservation Reserves in Haryana
Deer Park in Haryana
Zoos in Haryana
Breeding Centers in Haryana
5. Peacock and Chinkara Breeding Center, Jhabua.
भारत में वन
प्रश्न- राष्टीय वन नीति के अनुसार पर्यावरण की दृष्टि से कम से कम कितने प्रतिशत क्षेत्र पर वनों का आवरण आवश्यक है?
उत्तर- 33 प्रतिशत|
प्रश्न- भारत सरकार ने नयी वन नीति कब घोषित की?
उत्तर- 1988.
प्रश्न- भारत में कुल वन और वन आच्छादित क्षेत्र कितना है?
उत्तर- 7,83,668 वर्ग किलोमीटर |
प्रश्न- देश के कुल क्षेत्रफल के कितने प्रतिशत भूभाग पर वनों का आवरण है?
21.02 प्रतिशत |
प्रश्न- विश्व के कुल वन क्षेत्रफल का कितना प्रतिशत भाग भारत में है?
उत्तर- 2.82 प्रतिशत|
प्रश्न- देश में सर्वाधिक वन किस राज्य में हैं?
उत्तर- मध्यप्रदेश|
प्रश्न- कुल वन क्षेत्र की दृष्टि से भारत के प्रथम तीन राज्य कौन-से हैं?
उत्तर- मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ |
प्रश्न- किस राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के सबसे कम भाग पर वनों का विस्तार पाया जाता है?
उत्तर- हरियाणा |
प्रश्न- पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए कितना न्यूनतम वन आवरण अनिवार्य है?
उत्तर- 33 प्रतिशत|
प्रश्न- भारतीय वन संरक्षण विभाग की स्थापना कब की गयी?
उत्तर- 1981 ई. में|
प्रश्न- वन सुरक्षा के लिए स्वतंत्र भारत की प्रथम वन नीति कब घोषित हुयी?
उत्तर- 1952 ई. में|
प्रश्न- भारत में सर्वाधिक क्षेत्रफल पर किस प्रकार के वन पाए जाते हैं ?
उत्तर- उष्णार्द्र पतझड़ वन |
वृक्ष हमारे मित्र निबंध
निबंध - वृक्ष हमारे मित्र
पेड़ हमारे मित्र
लकड़ी प्रदाता के रूप में-
फूल और फल प्रदाता के रूप में-
प्रदूषण नियंत्रक के रूप में-
औषधी प्रदाता के रूप में-
भोजन और आश्रय प्रदाता के रूप में-
भू-संरक्षक के रूप में-
खाद प्रदाता के रूप में-
कागज़ प्रदाता के रूप में-
जैव विविधता (Biodiversity) - पर्यावरण
जैव विविधता (Biodiversity) पर निबंध
धूम्रपान - तम्बाकू
धूम्रपान - तम्बाकू पर निबंध
तम्बाकू का सेवन हर रूप में नुकसानदायक है| एक गलत धारणा है कि फ़िल्टर युक्त सिगरेट और हुक्का पीने से स्वस्थ्य पर कुप्रभाव नहीं होता| सच यह है कि फ़िल्टर केवल दो-चार काश लेने तक कुछ तत्वों को रोक पता है, मगर बाद में वे भी शरीर में पहुँचने लगते हैं| इसी प्रकार हुक्के का पानी भी सभी ज़हरीले तत्वों को नहीं रोक सकता| हालांकि इसमें कुछ मात्र में ज़हरीले तत्व घुल जाते हैं|
धूम्रपान न करने वाले लोगों पर उस धुआं का ज्यादा कुप्रभाव होता है जो धूम्रपान करने वाले लोगों द्वारा छोड़ी जाती है| इसलिए सरकार ने सार्वजानिक स्थानों और सार्वजानिक परिवहन सेवाओं में धूम्रपान पर रोक लगाकर इसे दंडनीय अपराध बना दिया है| अब तम्बाकू और गुटखे का प्रचार भी नहीं किया जा सकता| लोगों को तम्बाकू के दुष्प्रभावों से अवगत करवाने और जागरूकता फैलाने के लिए प्रति वर्ष 31 मई को तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है|
खेद का विषय है कि सरकारी तंत्र की निष्क्रियता, इच्छा शक्ति के आभाव और भ्रष्टाचार के कारण उक्त प्रतिबन्ध कारगर साबित नहीं हो रहा|
इसे विडम्बना ही कहा जाएगा कि एक लोकतंत्रिक गणराज्य की सरकार राजस्व कमाने के लिए अपने ही लोगों को जहर पीने, खाने के लिए छूट देती है और इसका व्यापार करने के अनुमति प्रदान करती है| इसके पीछे तर्क यह दिया जाता है कि बीडी उद्योग में लगे लाखों लोग बेरोजगार हो जायेंगे| लेकिन यह केवल बहाना है यदि सरकार की इच्छा शक्ति हो तो इस व्यवसाय में लगे लोगों के लिए किसी वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था करके जहर के व्यापार को रोक सकती है| यूँ भी जितना राजस्व तम्बाकू उद्योग से आता है उससे अधिक जान-माल का नुकसान तो इससे उत्पन्न होने वाले रोगों की रोकथान और स्वास्थ्य सेवाओं पर हो जाता होगा|
सरकार ईमानदारी से प्रयास करे यह तो जरुरी है, लेकिन अकेले सरकार के करने से कुछ नहीं होगा लोगों को भी अपना सहयोग इसकी रोकथाम में देना होगा तभी इस जहर से समाज और राष्ट्र को मुक्ति मिलेगी|
वायु प्रदूषण (Air Pollution)
वायु प्रदूषण (Air Pollution) निबंध
बिजली की बचत पर्यावरण की रक्षा
बिजली की बचत पर्यावरण की रक्षा
बिजली की बचत के उपाय-
बिजली की बचत के लिए हमें बहुत अधिक त्याग की जरुरत नहीं है, यदि हम अपनी आदतों में मामूली सा सुधार कर लें और छोटी छोटी बातों का ध्यान रखें तो भी बिजली की काफी बचत कर सकते हैं| जैसे-
1. परम्परागत बल्बों की बजाय एल ई डी बल्ब या सी एफ एल टयुबों का प्रयोग करें| इससे भारी मात्रा में बिजली की बचत होगी|
2. आवश्यकता न होने पर लाइट, पंखे, कूलर, AC, टी वी आदि को बंद कर दें|
3. किसी भी उपकरण को अधिक देर तक स्टैंडबाई मोड में न रखें|
4. अच्छी कंपनी के और फाइव स्टार रेटिंग वाले उपकरण ही खरीदें, जो कम बिजली की खपत करते हैं|
5. नलकूपों की मोटर केवल तभी चलायें जब खेती को वास्तव में ही पानी देने की जरुरत हो| फ्लैट रेट पर मिलने वाली बिजली का दुरुपयोग न करें|
6. बिजली के उपकरणों को काम समाप्त होते ही बंद कर दें|
उपरोक्त बातों का ध्यान रखकर हम भी बिजली की बचत और पर्यावरण की सुरक्षा कर सकते हैं| तो आज से ही इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनायें और पर्यावरणविद बनें|
Sponsored Post
Haryana Roadways Bus Timetable
Haryana Roadways Bus Timetable 2023 Haryana Roadways operates its buses from various bus stands of Haryana, Chandigarh, Rajasthan, Punjab, D...
Trending This Week
- पर्यावरण संरक्षण में विद्यार्थियों की भूमिका : निबंध
- Haryana Roadways Bus Timetable
- हरियाणा के प्रमुख लेखक और उनकी पुस्तकें भाग-1
- HSSC PGT Job Notice 2015 for 6874 Posts
- Final Seniority List of TGT/Master Cadre as On 01/07/2020
- Previous Question Paper HSSC Pharmacist Recruitment Exam
- HSSC Post of Clerks Advt. No. 10/2015
Popular Post
- Answer Key / Solved Question Paper Anganwadi Supervisor Female 30.04.17
- HSSC Solved Question Paper/ Answer Key Auction Recorder Exam.15.05.2016 Codes A B C D Advt.7/2015 Cat.19
- HSSC Haryana Police PST Result Advt. 8/2015 Cat. 01
- HSSC Answer Key Patwari Exam (Morning) 01/05/2016 Cat. 13 Advt. 7/2015
- Solved Paper/ Answer Key HSSC Clerk Exam. 27.11.16 Evening-I 10/2015, 01 Code A B C D
- HSSC Solved Question Paper/ Answer Key Part II Auction Recorder Exam.15.05.2016 Codes A B C D Advt.7/2015 Cat.19
- QUESTION PAPER & ANSWER KEY HARYANA POLICE KNOWLEDGE TEST (KT) 17.04.2016 Code A B C D